Sunday, June 22, 2025
लोकभाषा की बरोह से समृद्ध होता हिंदी का वटवृक्ष
संविधान में चाहे उल्लेख न हो तब भी हिंदी, भारत की राष्ट्रभाषा तो है। हमारे विशालविविध भाषाई संस्कृति संपन्न बहुभाषी देश में अधिकांश भारतवासी लिखने-पढ़ने, बोलने-समझने, मनोरंजन आदि तथा आपसी संपर्क हेतु प्रायः हिंदी का प्रयोग करते हैं। यद्यपि हिंदी समूह की बोलियाँ अब शाख-वल्लरियाँ नहीं रहीं। वे हिंदी के वटवृक्ष की बरोह बन चुकी हैं। इनमें बहुत कुछ व्याकरण-सम्मत लिखा जाने लगा है। अब इनका कार्य और अधिक महत हो चला है। ये जितनी फलेंगी-फूलेंगी, राष्ट्रभाषा हिंदी उतनी ही समृद्धशाली होगी।
Wednesday, June 18, 2025
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संविधान में चाहे उल्लेख न हो तब भी हिंदी, भारत की राष्ट्रभाषा तो है। हमारे विशालविविध भाषाई संस्कृति संपन्न बहुभाषी देश में अधिकांश भारतव...